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Class 7 Jcert 08_Bhasha Manjari Solutions

पाठ - 8 : अमीर खसरो

1. खुसरो के गुरु कौन थे? खुसरो ने उनके संबंध में क्या कहा?
उ. खुसरो के गुरु प्रसिद्ध सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया थे। खुसरों ने उनके संबंध में कहा कि वे ऐसे शहंशाह हैं, जिनका न कोई तख्त है, न ताज, फिर भी बादशाहों को उनके पैरों की धूल की आवश्यकता है।

2. खुसरो का अधिकांश समय कहाँ बीता? उन्होंने किस-किस राजवंश का उत्थान और पतन देखा?
उ. खुसरो के जीवन का अधिकांश समय राज दरबारों में बीता। उन्होंने गुलाम, खिलजी और तुगलक तीन राजवंशों और ग्यारह सल्तनतों का उत्थान और पतन अपनी आँखों से देखा।

3. खुसरो के चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उ. खुसरो का जीवन बड़ा सादा था। उनको दरबारों से बड़ी संपत्ति मिलती थी किंतु उनका मन महलों में नहीं लगता था। सच्चा आनंद तो उन्हें साधारण जनता के बीच में या फिर अपने गुरु हज़रत औलिया के पास ही मिलता था। दरबारों से मिली संपति वे गरीबों और फकीरों में बाँट दिया करते थे। वे कभी दरबारी ठाट-बाट से नहीं रहे। उन्होंने अपने लिए कोई घर नहीं बनाया। विलासिता से सदा दूर रहे। शान-शौकत, ठाटा-बाट को ओर उनकी रुचि ही न थी। जन सामान्य के बीच जाते ही वे पूरी तरह लोगों में घुलमिल जाते थे। इसलिए बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरुष सभी में वे बहुत लोकप्रिय थे।

4. खुसरो ने भारत का गुणगान किन शब्दों में किया है?
उ. अमीर खुसरो में देश-प्रेम कूट-कूट कर भरा था। उन्हें अपने भारतीय होने पर बड़ा गर्व था। अपनी एक रचना में उन्होंने भारत का गुणगान करते हुए लिखा है कि यहाँ का ज्ञान-भडार, संगीत, यहाँ के फल-फूल, पशु-पक्षी आदि इस देश को महान बनाते हैं। प्राकृतिक दृश्यों में कारण यह देश स्वर्ग से भी बढ़ कर है।

5. जनश्रुति के अनुसार खुसरो ने किस वाद्ययंत्र का अविष्कार किया?
उ. जनश्रुति के अनुसार खुसरो ने सितार और तबले का अविष्कार किया था।

6. अपने गुरु की मृत्यु की खबर सुनकर खुसरो ने क्या किया?
उ. अपने गुरु की मृत्यु की खबर सुनकर खुसरो ने अपने कपड़े फाड़ डाले, मुँह पर राख मल ली और अपने पीर की समाधि पर जाकर रोते हुए अपना दोहा पढ़ने लगेः

गोरी सोवे सेज पर, मुख पर डाले केस।
चल खुसरो घर आपने, रैन भई चहुँ देस ।।


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