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Class 7 Jcert 03_Bhasha Manjari Solutions

अध्याय - 3 : मिठाईवाला

1. मिठाईवाला किस तरह से अपने आगमन की सूचना देता था?
उ. मिठाईवाला बहुत ही मीठे स्वरों के साथ वह गलियों में घुमता हुआ कहता- "बच्चों को बहलानेवाला, खिलौनेवाला।" इस अधूरे वाक्य को वह ऐसे विचित्र, किंतु मादक-मधुर ढंग से गाकर कहता कि सुननेवाले एक बार अस्थिर हो उठते। और इस तरह से वह अपने आगमन की सूचना देता था।

2. बच्चे मिठाईवाले के पास क्यों खिंचे चले आते थे? ।
उ. मिठाईवाला बहुत ही मीठे स्वरों के साथ वह गलियों में घुमता हुआ कहता- "बच्चों को बहलानेवाला, खिलौनेवाला।" इस अधूरे वाक्य को वह ऐसे विचित्र, किंतु मादक-मधुर ढंग से गाकर कहता कि सुनने वाले एक बार अस्थिर हो उठते। और गलियों और उनके अंतर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चे मिठाईवाले के पास खिंचे चले आते थे।

3. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया? 
उ. खिलौनेवाले के जाने के छह महीने बाद, नगरभर में दएक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया। प्रतिदिन नगर में उस मुरलीवाले की चर्चा होती। प्रतिदिन नगर की प्रत्येक गली में उसका मादक, मृदुल स्वर सुनाई पड़त । “बच्चों को बहलानेवाला, मुरलियावाला।' रोहिणी ने भी मुरलीवाले के स्वर को सुना। तुरंत ही उसे खिलौनेवाले का स्मरण हो आया क्योंकि खिलौनेवाला भी इसी तरह गा-गाकर खिलौने बेचा करता था।

4. कहानी के अंत में मिठाईवाले ने किस कारण ऐसा कहा- "अब इस बार ये पैसे न लूँगा।"
उ. मिठाईवाले ने अपना दुख दादी को बताया। और जब रोहिणी ने मिठाईवाले की ओर देखा तब उसकी आँखों में आँसु भरे हुए थे। उसी समय चुन्नू-मुन्नू आ गए। रोहिणी से लिपटकर, उसका आँचल पकड़कर बोले, "अम्माँ, मिठाई!" "मुझसे लो।" यह कहकर, तत्काल मिठाईवाले ने मिठाइयों से भरी कागज की दो पुड़ियाँ चुन्नू-मून्नू को दे दी। जब रोहिणी ने भीतर से पैसे फेंक के दिए तो मिठाईवाले ने पेटी उठाई और कहा कि अब इस बार ये पैसे न लूंगा। क्योंकि उन बच्चों में कभी-कभी उन्हें अपने बच्चों की झलक-सी मिल जाती थी।


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